Congenital Heart Disease in Hindi | गर्भावस्था के समय ये गलतियां बढ़ा सकती हैं बच्चों को इसका का खतरा, जानें क्या हैं इसके लक्षण

लाइफस्टाइल
PUBLISHED: February 17, 2024

जन्मजात हृदय रोग – Congenital Heart Disease

दिल की बीमारियां कई बार जेनेटिक मकसद से भी होती है। जन्म के टाइम से दिल की संरचना में गड़बड़ी कनजेनिटल हार्ट डिजीज कहलाता है। इस दशा का पता कई बार बचपन में नहीं लग पाता है और वयस्क होने के बाद पता चलता है। इसके कुछ लक्षणों की मदद से बच्चों में इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है। (Congenital Heart Disease in Hindi) जानें क्या है कंजेनिटल हार्ट डिजीज के लक्षण। Congenital Heart Disease दिल का रोग सबसे मुख्य कराण खराब लाइफस्टाइल माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने, ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से दिल से जुड़ी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है, लेकिन कई बार जेनेटिक कारणों से भी दिल से जुड़ी तकलीफ़ का सामना करना पड़ सकता है। (Congenital Heart Disease in Hindi) कुछ बच्चों में जन्म के समय दिल की संरचना में खराब होती है, जिसे कंजेनिटल हार्ट डिजीज कहा जाता है। (congenital cardiologist)आइए जानते हैं, क्या है कंजेनिटल हार्ट डिजीज और किन लक्षणों की सहायक से इसकी पहचान की जा सकती है।

क्या होता है कंजेनिटल हार्ट डिजीज? – What is congenital heart disease?

जन्म के टाइम समय बच्चे के दिल के आकार या बनावट में कोई खराबी होती है, जिसे कंजेनिटल हार्ट डिजीज कहा जाता है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, दिल में छेद होना, दिल के ब्लड वेसल्स के साथ परेशानी होना, हार्ट वाल्वज में तकलीफ़ होना, कंजेनिटल हार्ट डिजीज में शामिल होते हैं। (Congenital Heart Disease in Hindi) कई बार इनकी वजह से कोई खास परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन किसी-किसी मामले में यह कंडिशन जानलेवा भी साबित हो सकती है, जिस वजह से वक्त पर इसका इलाज करना बेहद जरूरी होता है। आमतौर पर इस दिल की बीमारी का पता जन्म से पहले या जन्म के कुछ टाइम बाद ही लग जााता है,(congenital heart failure) लेकिन कई बार काफी बाद में इसका पता चल पाता है।

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क्या हैं इसके लक्षण? – What are its symptoms?

  • त्वचा या होठों का नीला हो जाना
  • ब्लड सर्कुलेशन में मुसीबत होना
  • असामान्य तरीके से ब्लड फ्लो होना, जिस वजह से दिल से अजीब आवाज आती है
  • थकान खासकर किसी भी शारीरिक गतिविधि की वजह से
  • सांस लेने में दुखद होना या तेज-तेज सांसे आना
  • अधिक नींद आना
  • चेहरे, पैर या पेट में सूजन होना
  • खाने-पीने में दुखद होना, जिस कारण से ठीक से विकास न हो पाता है

क्या होते हैं इसके कारण? – What are its reasons?

  • कंजेनिटल हार्ट डिजीज क्यों होता है, इसका कोई ठोस कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसका मुश्किल अधिक रहता है।
  • गर्भावस्था के दौरान या उससे पहले डायबिटीज की समस्या की कारण से बच्चे के दिल पर प्रभाव पड़ सकता है, जिस कारण से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोक करने या शराब पीने की वजह से भी बच्चा कंजेनिटल हार्ट डिजीज का शिकार हो सकता है।
  • जेनेटिक कारणों की वजह से भी बच्चे में यह परिस्थिति हो सकती है।
  • कई बार कुछ दवाइयों के प्रभाव की वजह से भी बच्चे के दिल में कठिनाई हो सकती हैं।
  • प्रेग्नेंसी के टाइम बीच रूबेला होना, बच्चे में कंजेनिटल हार्ट डिजीज के मुश्किल को बढ़ा देता है।

क्या कंजेनिटल हार्ट डिजीज वयस्कों को प्रभावशाली कर सकता है?

वैसे तो कंजेनिटल हार्ट डिजीज जन्म के टाइम से दिल की संरचना में मुश्किल होती है, लेकिन वयस्कों को भी कंजेनिटल हार्ट डिजीज प्रभावित कर सकता है। कई बार इस कंडिशन का पता बचपन में नहीं चल पाता है, इस कारण से वयस्कों में यह परेशानी बाद  नजर आती है (congenital heart disease symptoms) या कई बार ऐसा भी होता है कि यह ट्रीटमेंट के बाद रीलैप्स हो गया हो। इनमें कुछ प्रकार के कंजेनिटल डिजीज अधिक संकटजनक,नहीं होते हैं,(common heart defects in newborns) लेकिन कुछ की वजह से जान जाने का जोखिम भी रहता है। इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक होता है।

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