Best Parenting Tips in Hindi | इन 5 वजहों से डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं आपके बच्चे, इन लक्षणों से करें इसकी पहचान

लाइफस्टाइल
PUBLISHED: March 16, 2024

Parenting Tips  | कहीं आपका बच्चा तो नहीं डिप्रेशन का शिकार? इन  लक्षणों से करें पहचान

तेजी से बदलती जीवनचर्या का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं बल्कि बच्चों पर भी देखने को मिलता है। (Best Parenting Tips) इन दिनों लोग कई शरीर और मानसिक चुनौती का शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशर इन्ही समस्याओं में से एक है जो आजकल सिर्फ वयस्कों को ही नहीं बच्चों (depression in kids) को भी अपनी शिकार बना रहा है।  यह मामला गंभीर रूप ले सकती है, अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया जाए।(Best Parenting Tips) बच्चों में डिप्रेशन के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं, जिसकी जानकारी होने पर पेरेंट्स इससे अपने बच्चों का बचाव कर सकते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे बच्चों में डिप्रेशन के 4 मुख्य कारणों के बारे में-

1. एकल परिवार – Nclear Family

Nclear Family - kphhealthtips

एकल परिवार में बच्चों को अकेलापन की वजह से डिप्रेस होने का खतरा हो सकता है। (Best Parenting Tips)बच्चों के लिए परिवार में सहयोग और समर्थन का महत्व होता है। एक स्थिर और समर्थ परिवार वातावरण में, बच्चों को अपनी भावनाओं को साझा करने का और समस्याओं का सामना करने का अवसर मिलता है। (best advice for new parents) एकल परिवार में, यह समर्थन कम हो सकता है, जिससे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऐसी स्थितियों में, माता-पिता को अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताने का प्रयास करना चाहिए, साथ ही उन्हें अपने विचार को साझा करने के लिए प्रचालित करना चाहिए।

2. डांट-फटकार – Scolding

Scolding - kphhealthtips

कुछ गलती करने पर या बच्चों को सही-गलत बताने के लिए पेरेंट्स अक्सर डांट या फटकार लगा देते हैं। (Best Parenting Tips)ऐसे में कई बार माता-पिता का यह बर्ताव बच्चों के दिल में कांटे की तरह चुभ जाता है,(Parenting Tips in Hindi) और उनको ये बिलकुल अच्छा नहीं लगता  जिसकी वजह से उनके कमजोर मन पर गहरी चोट लग जाती है, जो उन्हें धीरे-धीरे डिप्रेशन की तरफ ले जाती है।

3. मन की बात न कर पाना – Unable To Speak One’s Mind

Unable To Speak One's Mind - kphhealthtips

बच्चों को अपने मन की बातें किसी के साथ साझा करने की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से जब वे किसी समस्या या परेशानी का सामना कर रहे होते हैं। (good parenting tips) ऐसे में, उन्हें समर्थन और समझ मिलने से उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।(best parenting techniques) इसलिए, हमें बच्चों के साथ समय बिताना और उनकी बातों को सुनना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हम अपने बच्चों के साथ खुले मन से बातचीत करते हैं, तो उनका आत्मविश्वास और सामाजिक अवस्था भी मजबूत होता है।

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4. घरों में कैद रहना – Being Confined To Homes

Being Confined To Homes - kphhealthtips

पुराने टाइम में बच्चे अपना खाली समय अक्सर घर के बाहर दोस्तों के साथ खेलकर बिताते थे। (best parenting techniques in hindi) इसके विपरीत अभी के समय में खराब माहौल को देखते हुए ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों घरों से बाहर भेजते से निषेध करते हैं। (parenting skills in Hindi) ऐसे में बच्चा मन बहलाने के लिए दिनभर गैजेट्स से घिरे रहते हैं, जिसकी वजह से वो धीरे-धीरे डिप्रेशन  में आ जाते है।

5. बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण – Symptoms of depression in children

Symptoms of depression in children - kphhealthtips

बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण विभिन्न हो सकते हैं और वे अलग-अलग उम्र के बच्चों में भिन्न हो सकते हैं। (symptoms of depression) यहाँ कुछ सामान्य लक्षण हैं जो बच्चों में डिप्रेशन की संकेत हो सकते हैं:

  • दुखी और उदास महसूस करना: बच्चा अकेला, उदास और निराश महसूस कर सकता है।
  • नींद की समस्याएँ: अधिक या अल्प नींद, या रात को अधिक जागना।
  • भूख की कमी या बढ़ जाना: बच्चा खाना कम खा सकता है या उसकी भूख बढ़ सकती है।
  • बेहवाईय बदलाव: बच्चा अपनी आदतों में बदलाव, सोशल विषमता या आंतरिक संघर्ष के रूप में दिखा सकता है।
  • स्कूल की प्रदर्शन में कमी: अच्छे ग्रेड्स, अव्यवस्थितता, आत्मविश्वास में कमी, और पढ़ाई में असफलता।
  • अल्पसंख्यकता: बच्चा अपने दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताने में रुचि नहीं रखता है।
  • अवसादी या चिंतित विचार: बच्चा अवसादी, चिंतित या निराश महसूस कर सकता है, (positive parenting strategies) और अपने भविष्य के बारे में नकारात्मक विचारों के साथ सामना कर सकता है।
  • शारीरिक लक्षण: डायजेस्टिव समस्याएँ, दर्द, और अन्य शारीरिक लक्षण भी उपस्थित हो सकते हैं।

यदि आपके बच्चे में ऐसे किसी भी लक्षण का संकेत हो तो उन्हें एक शिक्षाप्रद और सहानुभूतिपूर्ण माहौल में रखने की कोशिश करें और उन्हें किसी पेडियाट्रिशियन या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेने के लिए प्रेरित करें।

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