अगर शनि आपके सातवें भाव में है तो बरतें ये 6 सावधानियां, और करें यह 6 महत्वपूर्ण कार्य

धर्म
PUBLISHED: April 21, 2020

दोस्तों आप में से बहुत से लोगों को जानते ही होंगे की कुंभ और मकर का स्वामी शनि तुला में उच्च माना जाता है और, मेष में नीच का होता है. अगर आपने लाल किताब पढ़ी है तो लाल किताब में आठवें भाव में शनि बली और ग्यारहवां भाव पक्का घर है. सूर्य, चंद्र और मंगल की राशियों में शनि बहुत बुरा फल देता है. लेकिन अगर यह सातवें घर में होने या मंदा होने पर आपको क्या सावधानी रखनी चाहिए तो चलिय जानते है.

lal kitab

सातवे भाव वाले जातक पर प्रभाव:

सातवें भाव में स्थित शनि को कलमकार कहा गया है. इन जातको को जीवन साथी मिलने में देरी हो सकती है. अगर आपके ग्यारहवें भाव में शनिदेव विराजमान हैं तो इन जातको का भाग्योदय चालीसवें साल में होता है.

सातवें भाव में होने पर बरतें यह 5 सावधानियां :

  1. शराब, जुआ, सट्टा, आदि से दूर रहें. नही तो आपको इसके कारण बहुत हानि हो सकती है.
  2. आप अपने बाप-दादाओं के मकान में ही रहें.
  3. पराई स्त्री के मोह में बिल्कुल न रहें.
  4. ब्याज का धंधा बिल्कुल न करें इससे आपको काफी नुकसान हो सकता है.
  5. आप बिल्कुल भी पराई स्त्री के मोह में नहीं पड़ना हे इससे आपका नुक्सान हो सकता है.
  6. अप अपनी पत्नी से अच्छे संबंध बनाएं रखें.

करें यह 6 महत्वपूर्ण कार्य

  1. छायादान करें.
  2. शुक्र का दान करें.
  3. अपंगों, अंधे, गरीबों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार करें.
  4. 43 दिन तक जमीन पर कुछ बूंद तेल या शराब की गिराएं ऐसा करने से शनि का प्रभाव कम होगा.
  5. भैरव जी के मंदिर जाकर उनकी पूजा करें और उनसे अपने गलत कर्मों की क्षमा मांगे.
  6. रात को सिरहाने पर पानी रखें और उसे सुबह होने पर कीकर, आंक या खजूर के वृक्ष पर चढ़ा आएं.

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